Poemsक्या अब भी मानव बदलेगा?Guest Author04/06/202104/06/2021 by Guest Author04/06/202104/06/202103382 कभी सिसकती बालाओं की, सुध लेती थी जनता सारी, आज चहकती अबलाओं की, चिता सजाने की तैयारी।। कब तक ऐसी दशा रहेगी? कब तक तांडव...